"आंखों" के झरोखों से बाहर की दुनिया और "मन" के झरोखे से अपने अंदर की दुनिया देखती हूँ। बस और कुछ नहीं ।
बेहतरीन अभिवयक्ति.....
शब्द-शब्द सुन्दर...!बहुत-2 आभार !
अनुपम भावों का संगम ....
खुदा जानता है उसे क्या करना है ...
बिलकुल सही ...कितने ही फसादों से बचा लिया उसने
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
सुन्दर!
ah..Beautifiul...
ओहो............ सही है...
बहुत सुन्दर बात कही।
और राज़ कई ... इसमे छुपाने को ..
बेहतरीन अभिवयक्ति.....
जवाब देंहटाएंशब्द-शब्द सुन्दर...!
जवाब देंहटाएंबहुत-2 आभार !
अनुपम भावों का संगम ....
जवाब देंहटाएंखुदा जानता है उसे क्या करना है ...
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही ...कितने ही फसादों से बचा लिया उसने
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसुन्दर!
जवाब देंहटाएंah..Beautifiul...
जवाब देंहटाएंओहो............ सही है...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर बात कही।
जवाब देंहटाएंऔर राज़ कई ... इसमे छुपाने को ..
जवाब देंहटाएं