बुधवार, 10 अगस्त 2016

ये छतरी है मेरे दुलार की .....



मुश्किलों की बरसात में 
बेवजह किसी तकरार में
याद में ये बसाये रखना
ये छतरी है मेरे दुलार की
मुस्करा कर आ जाना ... निवेदिता