आसमान के
सियाह गिलाफ़ पर
चाहा बस
तारों की झिलमिल छाँव
बेआस सी ही थी
ये अंधियारी रात
बस किरन टंकी
इक चुनर लहरायी
इन्द्रधनुष के रंग
झूम के छम से छा गये
सपनीले तारों की
पूरी बरात ही
दामन में सज गयी …… -निवेदिता
सियाह गिलाफ़ पर
चाहा बस
तारों की झिलमिल छाँव
बेआस सी ही थी
ये अंधियारी रात
बस किरन टंकी
इक चुनर लहरायी
इन्द्रधनुष के रंग
झूम के छम से छा गये
सपनीले तारों की
पूरी बरात ही
दामन में सज गयी …… -निवेदिता