शनिवार, 3 जून 2017

अनदेखा करना सीख लिया है ..........

चाहती थी 
एक कदम बढ़ाना 
और अनदेखा कर देना 

उन मुश्किलों को 
जिन्होंने थाम रखी है 
रफ्तार मेरी
हर बार
थम गये हैं कदम
उन्हीं अवरोधों पर
आज .....
बदल देती हूँ
देखने का तरीका
उन मुश्किल से भरे
पलों पर ही
रख देती हूँ कदमों को
अब उन पलों को
अनदेखा करना सीख लिया है
क्योंकि
मेरा कद बढ़ गया है उनसे
और मेरे कदमों तले
मिल गयी थोड़ी सी ऊँचाई ....... निवेदिता