जन्म से मृत्यु तक रहते दोनों संग
दोनों की लयबद्ध ताल भरती उमंग
दोनो दो पहलू हैं एक ही विचार के
ज्ञान और बुद्धि का संतुलन करता दंग!
**************************
बुद्धि और ज्ञान ,दोनों चलते साथ - साथ
बुद्धि थाहे ज्ञान को ,पकड़े उसका हाथ
सही समय दें ज्ञान ,अनुभव कराती बुद्धि
अहंकार के भाव को ,वह चढ़ने न दे माथ !
******************************
सन्त ज्ञानी कहते ,बुद्धि की महिमा अनन्त
रची जब रावण - संहिता ,तब मन से था सन्त
अहंकार ज्ञान पर छा गया ,करता गया दुष्कर्म
महाज्ञानी रावण का ,हो गया तब दारूण अन्त !
*******************************
निर्गुण और सगुण का करना क्या विवाद
दोनों परस्पर एक हैं यही है अनुनाद
मन और आत्मा जैसे हैं ये दोनों ही एक
ज्ञान अकसर बुद्धि से करता यही संवाद !
#निवेदिता_श्रीवास्तव_निवी
#लखनऊ