तोहफ़ा
देना चाहते हो
और मेरी चाहत
पूछते हो
तो सुनो
छोटी सी
चाहत है .......
नजरें तुम्हारी
अपने चेहरे पर
अरे नहीं ..
वो तो बसी रहे
बस ,मेरे मन में !
खुशबू ..
तुम्हारी श्वांसों की
मेरी जीवन में
अरे नहीं .....
मेरी श्वांसों के हर पल में !
एह्सास ...
तुम्हारे होने का
अपने साथ में
अरे नहीं ....
परिपूरित करते
मेरे अपने अंतर्मन को !
स्थान ...
तुम्हारे वामांग में
अरे नहीं .....
तुम्हारी चाहत के
हर इक मीठे-खारे लम्हे में !
बोलो दे पाओगे
मुझको बस इतना
छोटे-छोटे लम्हे
जो ला सकें
मेरे ही नहीं
तुम्हारे भी अधरों पर
खिलखिलाती मुस्कान ......
बोलो दे पाओगे
मुझको बस इतना
छोटे-छोटे लम्हे
जो ला सकें
मेरे ही नहीं
तुम्हारे भी अधरों पर
खिलखिलाती मुस्कान ......
-निवेदिता