दिलों को दुखाना महारत नहीं है
मेरी आज तक भी अदावत नहीं है ।
मुलाकात की बात हम भी क्यूँ करते
यूँ मिलने मिलाने की आदत नहीं है ।
शिकायत करें हम कहाँ तुम से झूठी
बड़ी खुद से कोई अदालत नहीं है ।
बग़ावत जमाने से हम करते कैसे
हसीनों की ये तो रवायत नहीं है ।
सियासत है करता दिलों से ज़माना
#निवी की भी किस्मत शहादत नहीं है । #निवी
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