स्नेह प्यार या कहूँ
छलकता बरसता दुलार
नदिया की लहरों सी
मन बहकाती उमंगें हैं
लाल हो या गुलाबी
बड़ी हो या फिर छोटी
ये बिंदिया तो बस
तुम्हारी साँसों को ही
निरख-निरख कर
बस यूँ ही निखरती हैं
सम्मोहक बिंदु बन
तुमको आभासित करती
मन प्रभासित कर जाती है
ये अनबोलती
खामोश निगहबान सी
मन की गिरह खोलती
आँखें निगाह बचा
लचक सी जाती हैं
अनदेखा सा ही कर
निगाहों का बाँध बनती है
काजल की कजरारी धार ......
-निवेदिता
सम्मोहक बिंदु बन
तुमको आभासित करती
मन प्रभासित कर जाती है
ये अनबोलती
खामोश निगहबान सी
मन की गिरह खोलती
आँखें निगाह बचा
लचक सी जाती हैं
अनदेखा सा ही कर
निगाहों का बाँध बनती है
काजल की कजरारी धार ......
-निवेदिता
अनदेखा सा ही कर
जवाब देंहटाएंनिगाहों का बाँध बनती है
काजल की कजरारी धार ......
-निवेदिता
sach mein ?
badhaayee
अनदेखा सा ही कर
जवाब देंहटाएंनिगाहों का बाँध बनती है
काजल की कजरारी धार ......
...bahut khoob! bahut komal ahasas...
सुंदर चित्रण ...
जवाब देंहटाएंअनुपम भाव संयोजन लिए ...बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंwaah..
जवाब देंहटाएंसुंदर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंअनुपम भाव....
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना...
सुन्दर भावो को रचना में सजाया है आपने.....
जवाब देंहटाएंbahut manoran bhaavon ko ek sootra me piroya hai aapne.bahut bhaai aapki rachna.
जवाब देंहटाएंyour "Kya Kahu..." creation touched my heart core. it made a place deep in my heart. .....
जवाब देंहटाएंawesome lines.
जवाब देंहटाएंसुंदर एवं कोमल भावों से सजी खूबसूरत अभिव्यक्ति....
जवाब देंहटाएंआँखें बहुत कुछ बोल जाती हैं..
जवाब देंहटाएंगहरे भाव लिए सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंसुन्दर वर्णन...
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारी अभिव्यक्ति.....
बहुत ही प्यारी रचना...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर!
जवाब देंहटाएं