सोमवार, 14 सितंबर 2020

हिन्दी : दोहवलि

 हिन्दी हिन्दी सब  कहें ,सीखे नहीं विधान ।

स्वर व्यंजन भी याद हो ,मात्रा का रख ध्यान ।।


उच्चारण भी शुद्ध करो ,प्रवहमान तब जान ।

तत्सम तद्भव लो समझ ,त्रुटियों का ले ज्ञान ।।


अलग - अलग हर भाव के ,इसमें रखे निशान ।

कण्ठ तालु अरु हलक से ,बोलो समझ विधान ।।


नाम संबंध के अलग, रहती भिन्न पुकार ।

समझो इसकी महत्ता ,भाषा है संस्कार ।।


   ... निवेदिता श्रीवास्तव 'निवी'

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