मंगलवार, 26 अप्रैल 2022

ज्ञान और बुद्धि

 

जन्म से मृत्यु तक रहते दोनों संग

दोनों की लयबद्ध ताल भरती उमंग

दोनो दो पहलू हैं एक ही विचार के 

ज्ञान और बुद्धि का संतुलन करता दंग!

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बुद्धि और ज्ञान ,दोनों चलते साथ - साथ

बुद्धि थाहे ज्ञान को ,पकड़े उसका हाथ

सही समय दें ज्ञान ,अनुभव कराती बुद्धि

अहंकार के भाव को ,वह चढ़ने न दे माथ !

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सन्त ज्ञानी कहते ,बुद्धि की महिमा अनन्त

रची जब रावण - संहिता ,तब मन से था सन्त

अहंकार ज्ञान पर छा गया ,करता गया दुष्कर्म

महाज्ञानी रावण का ,हो गया तब दारूण अन्त !

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निर्गुण और सगुण का करना क्या विवाद 

दोनों परस्पर एक हैं यही है अनुनाद

मन और आत्मा जैसे हैं ये दोनों ही एक

ज्ञान अकसर बुद्धि से करता यही संवाद ! 

#निवेदिता_श्रीवास्तव_निवी

#लखनऊ


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