बुधवार, 20 अप्रैल 2022

निगाहें न चुराया करो ...

 बातों से जानम न भुलाया करो

ख्वाबों में आ कर न सताया करो।

मिल जाओ कभी दिल के रस्ते पे
देख मुझे निगाहें न चुराया करो।

उलझनें जब सतायें ज़िन्दगी की सनम
रूख़ से परदा जरा तुम हटाया करो।

दरमियाँ हमारे हैं फ़ासले बहुत
तुम कदम इधर तो बढ़ाया करो।

पीर तेरी सताती है इस दिल को बहुत
कभी पीर सा मुझे भी मनाया करो।

दोष मेरे गिनाता है ज़माना बहुत
कभी हाल दिल के तुम भी सुनाया करो।

परस्तिश तुम्हारी की हमने बहुत
जानेजां #निवी को भी दिल मे बसाया करो।
#निवेदिता_श्रीवास्तव_निवी
#लखनऊ

2 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 21-04-22 को चर्चा मंच पर चर्चा - 4407 में दिया जाएगा| आपकी उपस्थिति चर्चाकारों का हौसला बढ़ाएगी
    धन्यवाद
    दिलबाग

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  2. पीर तेरी सताती है इस दिल को बहुत
    कभी पीर सा मुझे भी मनाया करो... वाह!क्या खूब कहा 👌

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