गुरुवार, 3 फ़रवरी 2022

यादों का प्याला ...

 यादों का प्याला ...

अवनी ओढ़े धानी चूनर
मुरली मधुर बजाए अम्बर !

सतरंगी किरणों का ले सेहरा
सज्ज हुआ तब रवि का चेहरा !

नन्ही नन्ही बुंदियन की माला
नयनन की छलकी तब हाला !

धीर धरें कैसे साजन सजनी
प्रणय की पायल है बजनी !

कलियाँ कोमल खिलने आईं
मधुर मिलन की ऋतु गहराई !

यादों से भर रहा है प्याला
नैन बने प्रिय की मधुशाला !   निवी

3 टिप्‍पणियां:

  1. वाह !!! बहुत खूब ।
    साजन , सजनी दोनों को वैवाहिक वर्षगांठ की अनंत शुभकामनाएँ ।।

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  2. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (०४ -०२ -२०२२ ) को
    'कह दो कि इन्द्रियों पर वश नहीं चलता'(चर्चा अंक -४३३१)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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  3. आप काव्य सृजन काबिले तारीफ है।

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