शुक्रवार, 27 सितंबर 2019

जो भी है बस यही एक पल है ....

जो भी है बस यही इक पल है ....

छोटे छोटे पल ,पलक से झरते रहे
छोटी छोटी बातें ,बड़ी बनती गयीं

निगाहें व्यतीत सी ,छलकती रहीं
यादें अतीत सी ,कसकती ही रहीं

सामने वर्तमान है ,सूर्य किरण सा
परछाईं सी बातें , पग थामती रहीं

     ... निवेदिता श्रीवास्तव "निवी"

6 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शनिवार 28 सितंबर 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. जय मां हाटेशवरी.......
    आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
    आप की इस रचना का लिंक भी......
    29/09/2019 रविवार को......
    पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
    शामिल किया गया है.....
    आप भी इस हलचल में. .....
    सादर आमंत्रित है......

    अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
    http s://www.halchalwith5links.blogspot.com
    धन्यवाद

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