रंग न ये तुम लगाना ,
ये तो सारे अंधियारा लाते !
लाल-गुलाबी-हरा औ पीला
ये ही सब मनभाते हैं
सबके शगुन बन
खुशियाँ फैला जाते हैं
लाल चुनरिया ,
गुलाबी गात
हरी है चूड़ी,
पीला रंग शगुन
बन लहरा जाता
रंग तो प्रिय वही लगाना
तुम देखो ,मैं समझूं
मैं निरखूं तुम परखो
रंग तो प्रिय ........
-निवेदिता-
बहुत सुंदर होली कविता
जवाब देंहटाएंब्लॉग पर अनियमितता होने के कारण सभी से माफ़ी चाहता हूँ ..
आप सभी होली की हार्दिक सुभकामनाये
जवाब देंहटाएंहमने भी कुछ रंग उछाल फेंके हैं आपकी तरफ ....
जवाब देंहटाएंहोली की शुभकामनाएं....
बहुत सुन्दर..होली की हार्दिक शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया !
जवाब देंहटाएंआपको होली की सपरिवार हार्दिक शुभ कामनाएं!
सादर
rango bhari kavita
जवाब देंहटाएंखिले हुये रंगों से खिली हुयी होली।
जवाब देंहटाएंलाल चुनरिया ,
जवाब देंहटाएंगुलाबी गात
हरी है चूड़ी,
पीला रंग शगुन
रंगों से....बहुत सुंदर चित्रण . ...बधाई.
रंग तो प्रिय वही लगाना , तुम देखो मैं समझूं !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर !
बहुत बढ़िया !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ...होली की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर्……………होली की हार्दिक शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंरस-रंग भरी रचना ...
जवाब देंहटाएंरंग पर्व पर मंगलकामनाएं |
उत्साहवर्धन के लिये आप सबका आभार .....
जवाब देंहटाएंman ko mehsoos hui aapki kavita..........
जवाब देंहटाएंआप को सपरिवार होली की हार्दिक शुभ कामनाएं.
जवाब देंहटाएंसादर
हफ़्तों तक खाते रहो, गुझिया ले ले स्वाद.
जवाब देंहटाएंमगर कभी मत भूलना,नाम भक्त प्रहलाद.
होली की हार्दिक शुभकामनायें.
टिप्पणियों के रूप में इतने सारे रंग भरने के लिये आप सबका
जवाब देंहटाएंआभार .आप सब को भी रंग-पर्व की शुभकामनायें.....
Rangon ko khubsoorti se sajaya hai aapne is kavita mein.Ati sundar...badhayee.
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