मंगलवार, 9 मार्च 2021

हमसाया


पहेली सा जीवन 

#सुख_दुःख की धूप छाँव

चलता चरखा कर्मों का

बुनता बाना #लाभ_हानि का

#अंधेरा_उजाला हमसाया बन 

फसल बीजते जय पराजय की

कभी कभी बरसती बेबस यादें

ज्यों धुनिया धुनता #रात_दिन

अल्हड़पन का साथी था बचपन

उलझता गया क्यों #निवी का मन !

       ... निवेदिता श्रीवास्तव #निवी

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