हाइकु
मुरलीधर
रचाओ महारास
वृन्दा पुकारे
प्रिय हों संग
मनभाये संसार
आयी बहार
राधा मगन
बंसी बाजे मधुर
चाहे नर्तन
गाये पायल
सुध - बुध बिसरी
खिली मंजरी
मुदित मन
सजती मधुशाला
रीता है प्याला
साथ तुम्हारा
खिलाये इंद्रधनुष
इतराऊँ मैं
.... निवेदिता श्रीवास्तव "निवी"
मुरलीधर
रचाओ महारास
वृन्दा पुकारे
प्रिय हों संग
मनभाये संसार
आयी बहार
राधा मगन
बंसी बाजे मधुर
चाहे नर्तन
गाये पायल
सुध - बुध बिसरी
खिली मंजरी
मुदित मन
सजती मधुशाला
रीता है प्याला
साथ तुम्हारा
खिलाये इंद्रधनुष
इतराऊँ मैं
.... निवेदिता श्रीवास्तव "निवी"
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (०८ -१२-२०१९ ) को "मैं वर्तमान की बेटी हूँ "(चर्चा अंक-३५४३) पर भी होगी
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का
महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
अनीता सैनी
सुंदर।
जवाब देंहटाएंवाह! सुंदर ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाह!!बहुत खूब!
जवाब देंहटाएंवाह!!!
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