मंगलवार, 27 नवंबर 2012

ये ज़िन्दगी ......


ये ज़िन्दगी
शुक्रगुजार है
अब तक
आती जाती
हर इक
सहमी और
खिली खिली
श्वांस लेती
हर श्वांस की !

ये ज़िन्दगी
कर्ज़दार  है
उन दुलार भरी
तोतली बोली की
जिनसे मिश्री
घुलती गयी
तीखे पलों में !

ये ज़िन्दगी
बेबस है
उन चुभती
तीखे काँटे सी
अनावृत्त करती
आवाजों और
निगाहों के
उच्छिष्ट पर !


ये ज़िन्दगी
शर्मसार है
हर उस
अनबोले पल की
जिसका दर्द
दूसरे ने
अनकिया सा
हो भुगता है !


13 टिप्‍पणियां:

  1. भावमय करते शब्‍द ... बेहतरीन प्रस्‍तुति

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  2. हर रंग हर एहसास जिंदगी में आता ही है....
    हमें उसके हिसाब से जीते जाना हैं...
    सुन्दर भाव ...

    सस्नेह
    अनु

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  3. सब ज़िंदगी के रंग हैं ..... गहन अभिव्यक्ति

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  4. हर रंग ....सब रंग से भारा ये जीवन ...
    भावप्रबल अभियक्ति ....!!
    शुभकामनायें ....

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  5. कितने रंग दिखाता जीवन,
    कुछ लाता, ले जाता जीवन।

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