#जय_सियाराम 🙏
नगरी प्यारी राम की, बहती सरयू धार।
नगर अयोध्या आ गए , करने को उपकार।।
राम-राम के बोल में, रमता है संसार।
माया से तू दूर हो, मानव से कर प्यार।।
मनका-मनका खोल कर, खोज रहे भगवान।
रघुनंदन को देख कर , झूम उठे हनुमान।।
सदा यही मन चाहता, सजा रहे दरबार।
प्रभु के दर्शन से बड़ा, चाहूँ क्या उपहार।।
राज तिलक प्रभु का हुआ, गायें मंगलचार।
सुमन वृष्टि अनुपम हुई, करते सब जयकार।।
भूलो विषय विकार को, छोड़ो सब संताप।
छेड़ रागिनी प्रेम की, आन बसो प्रभु आप।।
✍️ #निवेदिता_श्रीवास्तव_निवी
#लखनऊ