मंगलवार, 23 जून 2020

मैंने जीना सीख लिया है ...

मैंने जीना सीख लिया है ...

तुम हँसते रहे मेरे दाँत बड़े बोल कर
मैं बस एक कदम घूम गयी
तुम्हारे छोटे दाँत मुझे भी दिख गए
रुमाल हटा ठहाके लगाना मैंने सीख लिया है
मैंने जीना सीख लिया है !

आँखों का चश्मा दिखाने उठी तुम्हारी उंगलियाँ
मैंने बस नजरें उठायी
तुम्हारी आँखों में छुपी वहशत मुझे दिख गयी
बस ठहरी आँखों से देखना मैंने सीख लिया है
मैंने जीना सीख लिया है !

मेरे लिखे को बेकार बताती तुम्हारी झुंझल
मैंने बस तुम्हारा पासवर्ड देख लिया
तुम्हारी खोली हुई सभी साइट मैंने देख लिया है
मैंने खुद से खुद को ही पढ़ना सीख लिया है
मैंने जीना सीख लिया है !

हँसी उड़ाती छंदमुक्त छंदबद्ध की बातें
मैंने तुम्हारे मन के झरोखे देखे
तुम्हारे मन में छुपे अहंकार को मैंने देख लिया है
जिंदगी को आँखों में आँखे डालना सीख लिया है
मैंने जीना सीख लिया है !
                     ... निवेदिता श्रीवास्तव 'निवी'

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