रविवार, 31 मई 2015

गंगासागर बना दिया …

चाहतें तो सभी की 
बहुत सी होती हैं 
मेरी भी है 
पर बहुत ही 
छोटी छोटी सी  
ख़ता की है 
तुम्हारी पड़ी हुई 
एक नामालूम सी निगाह ने 
मेरी छोटी सी 
खुशियों की चाहत को 
इतना बड़ा बना दिया 
सारी दुनिया को सागर 
अपनी निगाह को 
गंगासागर  बना दिया  … निवेदिता 
  


5 टिप्‍पणियां:

  1. मेरी छोटी सी
    खुशियों की चाहत को
    इतना बड़ा बना दिया
    सारी दुनिया को सागर
    अपनी निगाह को
    गंगासागर बना दिया …
    are waah kya baat hai ......bht hi badhiya

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  2. बहुत खूब ... छोटी सी चाहत चाहने वाले के लिए तो बहुत बड़ी है ...

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  3. पल में जी लें, संवाद पूर्ण कर लें तो जीवन को पूर्णता मिल जाती है। सुन्दर अभिव्यक्ति।

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