हाँ ,सुना है
कल्पवृक्ष
पूरी करता है
कामनाएं सबकी
पर ये
कैसा होता होगा
इसकी शाखा -प्रशाखाएँ
इसको देती होंगी
कितना विस्तार ……
कैसे बनता होगा
कोई भी वृक्ष
एक कल्पवृक्ष
कितना स्नेह
कितनी संवेदनायें
कितनी विशालता
कितनी अधिक
असीमित होंगी
इसकी भी सीमायें ……
सबकी कामनायें
पूरी करने में
अपनी कितनी साँसे
कभी न ले पाता होगा
धड़कन औरों की
सहेजते - सहेजते
अपने लिए धड़कना
याद न रख पाता होगा .......
हम सबने ही पाये थे
अपने - अपने कल्पवृक्ष
वो उँगली थामे
काँटों से बचाये रखते
अपनी खुशियाँ करते
वो न्योछावर हम पर
परे हटा देते अपनी
हर हसरत ….....
बदलते समय के साथ
पौधों को भी
कुछ बढ़ना ही है
कल्पवृक्ष की छाया से
कहीं आगे निकल
नयी पौध के लिए
कल्पवृक्ष बनना ही है ....... निवेदिता
कल्पवृक्ष की छाया से कुछ ऊपर निकल कर ही बनेंगे और नए कल्पवृक्ष !
जवाब देंहटाएंसमझना होगा कल्पवृक्षों को भी !
कैसे बनता होगा
जवाब देंहटाएंकोई भी वृक्ष
एक कल्पवृक्ष
कितना स्नेह
कितनी संवेदनायें
कितनी विशालता
कितनी अधिक
असीमित होंगी
इसकी भी सीमायें ……जैसी मानव की जिन्दंगी बहुत सुन्दर :)
ऐसे कल्प वृक्ष की आवश्यकता है, मुझे भी :)
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार भाव !
बहुत सुंदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंइस पोस्ट की चर्चा, शनिवार, दिनांक :- 15/02/2014 को "शजर पर एक ही पत्ता बचा है" : चर्चा मंच : चर्चा अंक : 1524 पर.
आभार आपका !!!
हटाएंबहुत सुन्दर सन्देश... अंतिम पंक्तियाँ पूरी कविता का प्रभाव समेटकर अभिव्यक्त हो रही है!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सन्देश... अंतिम पंक्तियाँ पूरी कविता का प्रभाव समेटकर अभिव्यक्त हो रही है!!
जवाब देंहटाएंहम सब अपना कल्पवृक्ष पनपने दें।
जवाब देंहटाएंहम सबने ही पाये थे
जवाब देंहटाएंअपने - अपने कल्पवृक्ष
वो उँगली थामे
काँटों से बचाये रखते
अपनी खुशियाँ करते
वो न्योछावर हम पर
परे हटा देते अपनी
हर हसरत ….....
:-( काश के वो छाँव सदा बनी रहती !!
बहुत सुन्दर रचना..
सस्नेह
अनु
काश !वो कल्पवृक्ष हमें ली जाता :)
जवाब देंहटाएंnew post बनो धरती का हमराज !
बहुत सुंदर ...
जवाब देंहटाएंसचमुच कल्पवृक्ष बनने के लिये जाने कितना कुछ त्याग करना अपेक्षित है । बहुत सुन्दर ..।
जवाब देंहटाएंकल्पवृक्ष की मरीचिका से आगे बढ़ ,वृक्षों के मन को भी समझने लगें तो संभव है लेने के बजाय देने में भी संतोष मिलने लगे .
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