रविवार, 19 अगस्त 2012

मुझे प्यारी है .......


मुझे प्यारे हैं मेरे हाथ 
इन्हें पकड़ माँ ने मुझे 
और मैंने तुम्हे 
चलना सिखाया होगा


मुझे प्यारी है हर इक निगाह
इन में ही कोई निगाह तेरी 
कभी कहीं भटकी तो
कभी मुझे पे अटकी भी तो होगी 



मुझे प्यारी है हर इक सांस 
इन आती जाती साँसों ने 
जीवन का मर्म समझाया होगा 
                                  -निवेदिता 

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