सोमवार, 14 मई 2012

लड़की लग रही हो ....


किसी भी महिला से कह भर दीजिये "लड़की लग रही हो " बस फिर तो उसके हाव-भाव ही बदल जाते हैं | इस कथन में पूर्णतया झूठ हो तब भी प्रतिक्रिया ऐसी ही होगी जैसे कि 'मिस वर्ल्ड' का तमगा मिल गया हो | अपनी उम्र से कम दिखने में कैसा सुकून वो भी तब जब आप स्वयं को अस्वस्थ बता कर सहानुभूति भी पाना चाहें ! परन्तु अगर किसी युवा कन्या से कह दीजिये कि "बच्ची लग रही हो" ,तब वो कतई खुश नहीं होगी | कभी सोचा भी है कि ऐसा क्यों होता है ! इसके मूल में सम्भवत: यही सोच है कि युवावस्था मतलब विचारों से ,स्वास्थ्य से ,सामाजिकता में ...हर तरह से जीवन में संतुलन आ जाना है | अपनी एक पहचान बना चुका युवा एक स्वस्थ वृक्ष की ऊर्जा सा आप्लावित लगता है | उसकी संघर्ष करने की सामर्थ्य हर चुनौती देते चेहरे को विजित करती जाती है |

परिपक्व होने के बाद भी युवा कहलाये जाने की लालसा असंतुष्ट मन का द्योतक लगती है | अपने युवा पुत्र अथवा पुत्री के साथ उनकी बहन जैसा दिखने की चाहत सहजता चुरा लेती है | कभी सोच कर देखें कि आप तो खुद को युवा दिखा रही हैं पर आपके बच्चे आपकी इस मनोवृत्ति को कैसे ले पा रहे हैं | अगर उनके दिल-दिमाग में झाँक कर देखे तो आप यही पाएंगी कि वो एक स्वस्थ माँ की कामना अवश्य करते हैं ,परन्तु माँ के रूप में एक माँ को ही देखना चाहते हैं | एक ऐसी माँ जो उनको समझ सके बिना उनके कुछ भी कहे | वो भी माँ में एक माँ की गरिमा चाहते हैं उश्रन्ख्लता नहीं | 

हम उस स्थिति से क्यों भागना चाहते हैं जो हमारा सच है ! खुद के प्रति ईमानदार हैं तो कभी भी वास्तविकता से नहीं भागेंगे | हर उम्र के अपने फायदे और नुकसान दोनों ही होते हैं , तब हर उम्र की फायदे की चाहत रखना तो गलत ही होगा | जब हम माँ बनना चाहते हैं तो मातृत्व को स्वीकार करते हैं ,उसी प्रकार जब बच्चों को बढ़ते देखना चाहते हैं तो अपनी परिपक्वता को भी स्वीकार करना चाहिए | इसलिए जब कोई कहे "लड़की लग रही हो" तो खुश न हों क्योंकि निश्चित रूप से मन में तो वो आपका उपहास ही कर रहा होता है | पर हाँ जब कोई कहे " आप स्वस्थ लग रही हैं " तब खुश जरूर हो जाइए .....:)
                                                                                                                                        -निवेदिता 

21 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सही कहा ...बेहतरीन प्रस्‍तुति।

    जवाब देंहटाएं
  2. एकदम सही फ़रमाया आपने
    http://cbmghafil.blogspot.com/2012/05/blog-post_06.html

    जवाब देंहटाएं
  3. ३५ तक कोई कहे तो चलता है .... सौंदर्य अलग बात है , बेटी से तुलना सही नहीं .

    जवाब देंहटाएं
  4. चिरयुवा रहने भर की चाहत से ऊर्जा पाता जगत..

    जवाब देंहटाएं
  5. अपनी उम्र के साथ साथ परिपक्वता को स्वीकार करना चाहिए......

    भाव पुर्ण अभिव्यक्ति ,...

    MY RECENT POST ,...काव्यान्जलि ...: आज मुझे गाने दो,...

    जवाब देंहटाएं
  6. एकदम सही बात कही है....
    बेहतरीन पोस्ट:-)

    जवाब देंहटाएं
  7. सही बात...सुन्दर प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत ही सुंदर प्रस्तुति । । मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  9. हमें खुद के प्रति ईमानदार रहना चाहिए।

    जवाब देंहटाएं
  10. सही बाट ..सच स्वीकारें ...!!

    जवाब देंहटाएं
  11. मैं भी मानती हूँ कि माँ को माँ ही लगना चाहिए ..वर्षों तक टोकती रही हूँ लोगो को कि मैं माँ ही दिखना चाहती हूँ !

    जवाब देंहटाएं
  12. क्षण भर के लिए खुश हो भी जाए मन तो बुरी बात नहीं है ... असलियत तो सभी जानते ही हैं ...

    जवाब देंहटाएं
  13. उम्र का पडाव कोई सा भी क्यूँ न हो बस यदि कोई भी इंसान खुद के प्रति ईमानदार रहना सीख ले तो न सिर्फ यह बल्कि और भी कई समस्याओं का समाधान संभव है। विचारणीय आलेख....

    जवाब देंहटाएं
  14. दूसरों के प्रमाण पर निर्भरता...स्वयं को धोखा देकर..वाह..!

    जवाब देंहटाएं
  15. अगली मुलाकात होगी तब कुछ कहा जायेगा कि क्या लग रही हैं। अभी तो यही कह रहे हैं कि पोस्ट अच्छी लग रही है। :)

    जवाब देंहटाएं
  16. बहुत बेहतरीन व प्रभावपूर्ण रचना....
    मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।

    जवाब देंहटाएं
  17. Good bikes shops in london
    Excellent Working Dear Friend Nice Information Share all over the world.God Bless You.
    used bicycles london
    used cycles london uk

    जवाब देंहटाएं