पता नहीं ये लम्हों की खुशी है
या खुशनुमा लम्हे मंद स्मित
बन किलकारियां बरसाते हैं
ये पलकों तले छुपे अश्रु ही थे
जो समय के साये परवान चढ़ते
सुहानी भोर में ओस की बूंदों से
मलयानिल के हिंडोलों पर झूमते
सुरभित सुमनों के कपोलों पर
जीवन ज्योति सा झिलमिला
पूर्णिमा के चाँद सा जीवन में
ज्वार-भाटा बन बस भी जाते हैं
भूलभूलैय्या सी अस्थियों के इस
पिंजर में नन्हा सा दिल बन
धड़कन बढ़ा चंद साँसे दे
जीने का आसरा बसा जाते हैं
दिल है तो कहीं कुछ दर्द भी है
पंख हैं तो पंछी की उड़ान भी है
कंधे हैं तो कभी अर्थी का भार है
कभी पुष्प हार हैं ,तो कभी कहीं
ज़िन्दगी की प्राणवान नसों को
तोड़ती फंदों की उलझी गाँठ सी है......
-निवेदिता
बहुत सुन्दर वाह!
जवाब देंहटाएंसुन्दर शब्द और उतने ही सुन्दर भावों से सजी इस रचना के लिए बधाई स्वीकारें
जवाब देंहटाएंनीरज
दिल है तो कहीं कुछ दर्द भी है
जवाब देंहटाएंपंख हैं तो पंछी की उड़ान भी है bahut hi badhiyaa
कभी पुष्प हार हैं ,तो कभी कहीं
जवाब देंहटाएंज़िन्दगी की प्राणवान नसों को
तोड़ती फंदों की उलझी गाँठ सी है......
बेहतरीन पंक्तियाँ हैं।
सादर
बहुत ही सुंदर .....प्रभावित करती बेहतरीन पंक्तियाँ ....
जवाब देंहटाएंसंजय भास्कर
आदत....मुस्कुराने की
पर आपका स्वागत है
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंइसी का नाम जिंदगी है
वाह ...बहुत खूब कहा है आपने ।
जवाब देंहटाएंप्रभावित करती बेहतरीन पंक्तियाँ ....
जवाब देंहटाएं"दिल है तो कहीं कुछ दर्द भी है
पंख हैं तो पंछी की उड़ान भी है
कंधे हैं तो कभी अर्थी का भार है
कभी पुष्प हार हैं ,तो कभी कहीं
ज़िन्दगी की प्राणवान नसों को
तोड़ती फंदों की उलझी गाँठ सी है...."
बहुत सुन्दर !!
गाँठों की उत्पत्ति होती ही है ऊर्जा पीने को।
जवाब देंहटाएंभूलभूलैय्या सी अस्थियों के इस
जवाब देंहटाएंपिंजर में नन्हा सा दिल बन
धड़कन बढ़ा चंद साँसे दे
जीने का आसरा बसा जाते हैं ....
नन्हा दिल.. और बड़ी ऊर्जा..
बहुत बहुत सुन्दर...!!
दिल है तो कहीं कुछ दर्द भी है
जवाब देंहटाएंपंख हैं तो पंछी की उड़ान भी है
कंधे हैं तो कभी अर्थी का भार है
कभी पुष्प हार हैं ,तो कभी कहीं
sundar....
www.poeticprakash.com
सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और गहन अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंअच्छी लगी यह कविता .विशेष रूप से ये पंक्तियाँ -
जवाब देंहटाएं"दिल है तो कहीं कुछ दर्द भी है
पंख हैं तो पंछी की उड़ान भी है"
सुंदर प्रस्तुतिकरण .आभार .
सुन्दर रचना!
जवाब देंहटाएंदिल है तो कहीं कुछ दर्द भी है
जवाब देंहटाएंपंख हैं तो पंछी की उड़ान भी है
कंधे हैं तो कभी अर्थी का भार है
...बहुत सुंदर अभिव्यक्ति...
सुन्दर भावों से सजी रचना .
जवाब देंहटाएंbahut sundar abhivyakti pyaari kavita.aapke blog par pahli baar aai hoon bahut achcha laga aakar.aapki shrankhla me jud rahi hoon.ab milna hota rahega.aap mere blog par bhi saadar aamantrit hain.
जवाब देंहटाएंसुन्दर कविता |
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंक्या कहने
http://aadhasachonline.blogspot.com/
दिल है तो कहीं कुछ दर्द भी है
जवाब देंहटाएंपंख हैं तो पंछी की उड़ान भी है..गहन भाव सुन्दर शब्द योजना..
बेहतरीन प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंwaha bahut khub
जवाब देंहटाएंबहत खूब ..आपके ब्लॉग पर आना अच्छा लगा ..मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है
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