शुक्रवार, 12 अगस्त 2011

मेरे भैया मेरे चन्दा मेरे अनमोल रतन .......



जब भी साँसे व्याकुल होतीं 
जीवन - ज्योति डगमगाती
तुरंत थाम कलाई को ,तलाशा 
डूबती कंपकपाती नाड़ी को.....
जीवन का पर्याय बनी ,इस 
नाड़ी पर ही ,मेरे भैया बांधा 
इक नाजुक सा धागा सूत का
नाम दिया दुलारा सा राखी का
जब हम छोटे थे तब ही ज्यादा 
अच्छे थे .... 
हाथों में राखी से सजी थाली थी 
सामने भाइयों की खिली कलाई थी
खिलखिलाती किलकारियों से 
महकती घर की अमराई थी
अब भी पल बड़े दुलारे हैं ...
बस जीवन के दायित्व बहुत सारे हैं
बदला कुछ नहीं ,न वो धागा 
न हीं अशेष मंगलकामनाएँ.....
घर हुए दूर तो क्या हुआ 
दिल तो अभी भी आस-पास हैं
टीका कर पाऊँ या नहीं बस 
कलाइयाँ चमकती रहें और 
माथे खुशियों से दमकते रहें .....
                           **************** मेरे भाइयों के लिए राखी ************
                                                                                                 -निवेदिता 


27 टिप्‍पणियां:

  1. घर हुए दूर तो क्या हुआ
    दिल तो अभी भी आस-पास हैं
    टीका कर पाऊँ या नहीं बस
    कलाइयाँ चमकती रहें और
    माथे खुशियों से दमकते रहें .....
    बहुत ही भावमय करते शब्‍दों के साथ बेहतरीन अभिव्‍यक्ति,
    इस स्‍नेहिल पर्व की शभकामनाएं ... ।

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  2. भाईयों के प्रति स्नेह पगी प्यारी रचना

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  3. निवेदिता जी बहुत सुन्दर प्यार बरसता रहे बहना का यों ही भाई पर ..बड़े सौभाग्यशाली होते हैं वो भाई जो बहना से इस तोहफे को पाते हैं -
    भ्रमर ५

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  4. रक्षाबंधन की बहुत बहुत शुभ कामनाएँ आपको।
    बहुत ही अच्छी लगी कविता।

    सादर

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  5. इतना प्यार बहन ही बरसा सकती है....बहुत प्यारी स्नेह में भीगी पोस्ट भाई के लिए ...

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  6. भाई बहन का प्यार बखूबी रचना में बताया है आपने...

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  7. भाई बहन का प्यार झलकता हुआ बेहद खूबसूरत कविता....

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  8. बहुत सुंदर भाव.... राखी पर्व की शुभकामनायें

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  9. बेहद ख़ूबसूरत और भावपूर्ण...

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  10. बढ़िया प्रस्तुति... रक्षाबंधन के पुनीत पर्व पर बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं...

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  11. प्यारी पोस्ट...... राखी के प्यारे त्योंहार की बधाई.....

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  12. आज इस पावन पर्व के अवसर पर बधाई देता हूं और कामना करता हूं कि आपकी कलाई पर बंधा रक्षा सूत्र हर समय आपकी रक्षा करें।

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  13. यह पर्व आनन्द की अपूर्व छटा लिये हो।

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  14. भाई -बहन के प्यार को दर्शाती...सुन्दर रचना .

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  15. रक्षा बंधन की ढेर सारी बधाई स्वीकार करें।

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  16. रक्षाबंधन और स्वंतत्रता दिवस पर ढेर सारी शुभकामनायें.

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  17. भाइयों के प्रति स्नेह की गागर छलकाते ... लाजवाब और सुन्दर रचना है ...

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  18. घर हुए दूर तो क्या हुआ
    दिल तो अभी भी आस-पास हैं
    टीका कर पाऊँ या नहीं बस
    कलाइयाँ चमकती रहें और
    माथे खुशियों से दमकते रहें .....
    बड़ी कुशलता के साथ ,जिवंत सा मार्मिक सृजन मनोरम लगा जी , शुक्रिया जी /

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  19. स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और ढेर सारी बधाईयां

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