लघुकथा : ध्वज
अन्विता ,"दादी माँ ये बताओ न हमने अपने ध्वज में रंगों को इसी क्रम में क्यों रखा है ? अगर हम सफेद रंग ऊपर कर दें फिर हरा और उसके बाद केसरिया ,तब क्या होता 🤔! "
दादी माँ ,"बेटे ध्वज में रंग प्रकृति के विभिन्न अंश के प्रतिरूप हैं । हरा रंग धरा की उर्वरता का प्रतीक है ,तो केसरिया रंग उगते सूर्य की किरणों का । सफेद रंग बीच में रखने का उद्देश्य ही यही है कि सूर्य की किरणों के तीखेपन और उर्वरा धरा की कोमलता को संतुलित रखे । मध्य में स्थित चक्र निरन्तर गतिशील जीवन और उन्नति को दर्शाता है । अब बताओ ध्वज को देखते ही हमको क्या कहना चाहिये .... "
नन्ही सी अन्विता ने तुरंत ही जयघोष किया ," जय हिन्द ..... !!! "
-- निवेदिता
अन्विता ,"दादी माँ ये बताओ न हमने अपने ध्वज में रंगों को इसी क्रम में क्यों रखा है ? अगर हम सफेद रंग ऊपर कर दें फिर हरा और उसके बाद केसरिया ,तब क्या होता 🤔! "
दादी माँ ,"बेटे ध्वज में रंग प्रकृति के विभिन्न अंश के प्रतिरूप हैं । हरा रंग धरा की उर्वरता का प्रतीक है ,तो केसरिया रंग उगते सूर्य की किरणों का । सफेद रंग बीच में रखने का उद्देश्य ही यही है कि सूर्य की किरणों के तीखेपन और उर्वरा धरा की कोमलता को संतुलित रखे । मध्य में स्थित चक्र निरन्तर गतिशील जीवन और उन्नति को दर्शाता है । अब बताओ ध्वज को देखते ही हमको क्या कहना चाहिये .... "
नन्ही सी अन्विता ने तुरंत ही जयघोष किया ," जय हिन्द ..... !!! "
-- निवेदिता
मोटूरि सत्यनारायणआपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन 24वीं पुण्यतिथि - मोटूरि सत्यनारायण और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (08-03-2019) को "नारी दुर्गा रूप" (चर्चा अंक-3268) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत खूब !
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