गुरुवार, 13 जनवरी 2011

"दो बूंद ज़िन्दगी की "

सच तुम दोनों हो
दो बूंद हमारे जीवन की !
जिनसे जीवन खोजता
अर्थ नित नये - नये !
आज  सुख -सुकून
भरे ये पल मिले ,
इनका कारण ,
हो सिर्फ़ तुम दोनों !
तुम्हारा मान बढ़े ,
सम्मान मिले ..
 है यही  इक आस  !
हाँ ! हमारे लाडलों !
हो तुम हर सांस .....
हमारे जीवन की.........
राजन -रमन !
तुम हो
सुख - संकल्प
हमारे हर इक पल की !

13 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही अच्छे भाव और बहुत ही सुन्दर एहसास.
    भैय्या लोगों को इससे अच्छा आशीर्वाद और क्या हो सकता है.

    सादर
    --------
    आज कुछ धूप खिली है
    मकर-संक्रांति का महत्त्व

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  2. यही आशीष तुम्हारे लिये भी ...
    अनंत शुभ कामनायें !

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  3. दिल से निकली ये आवाज़ कभी जाया न जाएगी !
    दोनों लाडलों को बुलंदी तक ले के जाएगी !
    बहुत खुबसूरत एहसास !

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  4. बहुत सुंदर प्रस्तुति //अपने बच्चो पर
    मेरे ब्लॉग पर पढ़े .." मेरी सजनी "

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  5. जय श्री कृष्ण...आप बहुत अच्छा लिखतें हैं...वाकई.... आशा हैं आपसे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा....!!

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  6. बहुत खुबसूरत एहसास !
    आपको और आपके परिवार को मकर संक्रांति के पर्व की ढेरों शुभकामनाएँ !"

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  7. अनिमेष और अभिषेक (राजन और रमन)की मंगलकामना हेतु आपको बधाई

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  8. आप सबका आभार !
    आदरणीय विजय माथुर जी ब्लाँग पर आने के लिये धन्यवाद ।

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