सच तुम दोनों हो
दो बूंद हमारे जीवन की !
जिनसे जीवन खोजता
अर्थ नित नये - नये !
आज सुख -सुकून
भरे ये पल मिले ,
इनका कारण ,
हो सिर्फ़ तुम दोनों !
तुम्हारा मान बढ़े ,
सम्मान मिले ..
है यही इक आस !
हाँ ! हमारे लाडलों !
हो तुम हर सांस .....
हमारे जीवन की.........
राजन -रमन !
तुम हो
सुख - संकल्प
हमारे हर इक पल की !
बहुत ही अच्छे भाव और बहुत ही सुन्दर एहसास.
जवाब देंहटाएंभैय्या लोगों को इससे अच्छा आशीर्वाद और क्या हो सकता है.
सादर
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आज कुछ धूप खिली है
मकर-संक्रांति का महत्त्व
यही आशीष तुम्हारे लिये भी ...
जवाब देंहटाएंअनंत शुभ कामनायें !
दिल से निकली ये आवाज़ कभी जाया न जाएगी !
जवाब देंहटाएंदोनों लाडलों को बुलंदी तक ले के जाएगी !
बहुत खुबसूरत एहसास !
बहुत सुंदर प्रस्तुति //अपने बच्चो पर
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर पढ़े .." मेरी सजनी "
बहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंजय श्री कृष्ण...आप बहुत अच्छा लिखतें हैं...वाकई.... आशा हैं आपसे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा....!!
जवाब देंहटाएंबहुत खुबसूरत एहसास !
जवाब देंहटाएंआपको और आपके परिवार को मकर संक्रांति के पर्व की ढेरों शुभकामनाएँ !"
anterman ke sunder bhav.....
जवाब देंहटाएंअनिमेष और अभिषेक (राजन और रमन)की मंगलकामना हेतु आपको बधाई
जवाब देंहटाएंआप सबका आभार !
जवाब देंहटाएंआदरणीय विजय माथुर जी ब्लाँग पर आने के लिये धन्यवाद ।
do boond jeevan ki....bahut sunderrrrrrrr
जवाब देंहटाएंआप सब का आभार !
जवाब देंहटाएंzindagi kitni khoobsurat hai
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