सुबह ने किरणें बिखराई ,
महकती शाम निखर गयी
रात जो लरजती सरकी ,
दिन ने थामी सुरीली कमान
बस यूँ ही सोचते-सोचते ,
उम्र मेरी तमाम गयी ........
तलाशती रही अपनों को ,
जिनकी मुस्कराहट मेरी ,
साँसों को ऊर्जावान कर गयी !
अचानक लगी ठोकर ने ,
थामा थिरकते कदमों को ,
एक खुशबू ने उमगते पूछा ,
कभी उन को देख भी थम जाओ ,
जिनके चेहरे पर खिलती स्मित ,
देख तुम्हारा मुग्ध मन-प्राण ........
-निवेदिता
सच कहा…………कोमल भावो की सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंतलाशती रही अपनों को ,
जवाब देंहटाएंजिनकी मुस्कराहट मेरी ,
साँसों को ऊर्जावान कर गयी !...yah talaash bani rahti hai
talaash man ki kabhi khtam naa ho...sunder abhivyakti
जवाब देंहटाएंsimply beautiful..
जवाब देंहटाएंpearl like words and awesome expressions !!!
sunder rachna ...!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना...
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्यारी कविता.
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत कोमल भावों से भरी अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंतलाशती रही अपनों को ,
जवाब देंहटाएंजिनकी मुस्कराहट मेरी ,
साँसों को ऊर्जावान कर गयी !
भावपूर्ण रचना , काश ! यह तलाश जल्दी पूरी हो !!
तलाशती रही अपनों को ,
जवाब देंहटाएंजिनकी मुस्कराहट मेरी
बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना.
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vikasgarg23.blogspot.com
सुन्दर पंक्तिया , अद्भुत बधाई
जवाब देंहटाएंमुग्धता की यही परिभाषा है।
जवाब देंहटाएंबस यूँ ही सोचते-सोचते ,
जवाब देंहटाएंउम्र मेरी तमाम गयी ....waah! bhut khubsurti panktiya...
एक खुशबू ने उमगते पूछा ,
जवाब देंहटाएंकभी उन को देख भी थम जाओ ,
जिनके चेहरे पर खिलती स्मित ,
देख तुम्हारा मुग्ध मन-प्राण ........
भावनात्मक पोस्ट के लिए आभार.
aapki yeh post ब्लॉग जमावड़ा me hai
जवाब देंहटाएंaapki umda prastuti ब्लॉग जमावड़ाme prakasit hai
जवाब देंहटाएंsunder bhav pooran rachna
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण....सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंभावनाओं का काव्य रूप
जवाब देंहटाएंबहुत ही आकर्षक बन पडा है
अभिवादन.
मुग्धता से सराबोर रचना।
जवाब देंहटाएं---------
ब्लॉग समीक्षा की 20वीं कड़ी...
2 दिन में अखबारों में 3 पोस्टें...
बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना... साधुवाद
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर कविता...
जवाब देंहटाएंआभार- विवेक जैन vivj2000.blogspot.com