गुरुवार, 21 अप्रैल 2011

मन वीणा के तार .....

मैं हूँ क्या ?
एक नाम ,
बिन पहचान 
एक रिश्ता ,
जाना पहचाना ...
या फिर 
कई नाते ,
शायद मनभाते ....
कभी रीते ,
कभी मीठे
कभी सुलझे, 
कभी उलझे 
कभी एकरूप ,
कभी एकतार 
कभी अपरूप ,
विच्छिन्न विचार
पर सदा हैं ....
अभिन्न मन तार ..
कहीं तो छू लेती हूँ 
मन वीणा के तार 
ले लेते पूर्ण आकार .... 
                -निवेदिता



17 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत बहुत बहुत ही अच्छी लगी यह कविता.

    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. कभी रीते ,
    कभी मीठे
    कभी सुलझे,
    कभी उलझे
    कभी एकरूप ,
    कभी एकतार ...waah

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत मधुर ओर अच्छी लगी आप की यह सुंदर कविता

    जवाब देंहटाएं
  4. कभी रीते ,
    कभी मीठे
    कभी सुलझे,
    कभी उलझे
    कभी एकरूप ,
    कभी एकतार .....

    बस यही जीवन की उहापोह है.... सुंदर लिखा आपने

    जवाब देंहटाएं
  5. यही प्रश्न मन को किस जगह लाकर खड़ा कर देता है।

    जवाब देंहटाएं
  6. bahut sundar shbd prayog ,man moh liyaa shbdon kee bansuri ne .
    aproop shbd kaa behtreen prayog .
    veerubhai

    जवाब देंहटाएं
  7. कभी रीते ,
    कभी मीठे
    कभी सुलझे,
    कभी उलझे
    कभी एकरूप ,
    कभी एकतार ...

    Awesome creation !

    regards,

    .

    जवाब देंहटाएं
  8. सुंदर सुंदर सुंदर सुंदर बहुत सुंदर लिखा आपने

    जवाब देंहटाएं
  9. behatarin shabd sanyojan bhavnaon ko aatmsat karta hua shilp achha laga ji .sadhvad

    जवाब देंहटाएं
  10. एक रिश्ता ,
    जाना पहचाना ...
    या फिर
    कई नाते ,
    शायद मनभाते ....


    संवेदनाओं से भरी बहुत सुन्दर कविता...

    जवाब देंहटाएं
  11. चाँद शब्दों में बाँध दिए रिश्ते ....
    अनमोल रचना .....

    जवाब देंहटाएं
  12. man veena ka taar anokha,
    lekar aaya aapka yah Jharokha,
    shabdon ki dekhi rangoli,
    bhavon ki kheli hai holi,
    man mera khush huya ise padhkar,
    likhti rahiye Nivedita ji jamkar.

    जवाब देंहटाएं
  13. आप सब मित्रों का बहुत-बहुत आभार ......
    @विजय जी-आप काव्यात्मक प्रतिक्रिया भी बेहद अच्छी लगी ,शुक्रिया !
    @ वीरुभाई जी-मेरा यही कहना था कि शब्द कितने भी अपरूप हों वीणा अगर सधी हुई हो तो उन से भी मधुर गीत गवा ही लेती है ,आभार !@यशवन्त और सन्जय-शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं