अच्छा लिखा है आपने। भाषा में प्रवाह है। मैने भी अपने ब्लाग पर एक लेख- कब तक धोखे और अत्याचार का शिकार होंगी महिलाएं- लिखा है। समय हो तो पढ़ें और टिप्पणी दें- http://www.ashokvichar.blogspot.com
मुझे बड़ा अजीब सा लगता है कि सभी ब्लोगरों का झुण्ड एक दूसरे की पीठ थपथपाने में लगा रहता है, एक दूसरे को पानी पर चढ़ाने में लगा रहता है झूटी सच्ची तारीफ करके अपने ब्लॉग का पता दे जाता है ..... मेरी नजर में कॉमेंट्स केवल पाठकों की तरफ से आने चाहिए और हर ब्लोगर को अपने पाठकों की क़द्र करना चाहिए , .........अगर आपको बुरा लगा हो तो प्लीज मुझे माफ़ कर दें ....एक पाठक
आप सभी मित्रों का आभार ! @रमेश जी ,बात आपकी सच है और मैं भी सहमत हूं ,परन्त हम ब्लागर ऐसी झूठी तारीफ़ नहीं करते हैं । पाठक पढ तो लेते हैं पर कमेन्ट करने में हिचक महसूस करते हैं ,शायद इसीलिये कम आते हैं ।
@मीनक्षी जी ,बहुत आभार ब्रूनो के साथ आपने मुझे पढा,सच हौसला कुछ और बढ गया !
behad bhawpoorn......
जवाब देंहटाएं"है अब चाहत जा देखूं ,
जवाब देंहटाएंकैसी है इंतिहा -ए-दर्द
अब शायद मुक्ति पा जाऊं
या मुक्त राह मिल जाए ....."
बेहतरीन!!!!
मार्मिक अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंदर्द से अपना नाता भी बहुत पुराना है...उधर ब्रुनो का गीत सुन रहे हैं और यहाँ पढ रहे है...पहली बार आना हुआ लेकिन बहुत सार्थक रहा..
जवाब देंहटाएंदर्द में अपनी दवा छिपी हुयी है।
जवाब देंहटाएंअब शायद मुक्ति पा जाऊं
जवाब देंहटाएंया मुक्त राह मिल जाए ....."
मार्मिक अभिव्यक्ति............
मार्मिक अभिव्यक्ति|धन्यवाद|
जवाब देंहटाएं"dard ka hudd se guzarna hai dawa ho jana"...........bahut khoob
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया अभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंअच्छा लिखा है आपने। भाषा में प्रवाह है।
जवाब देंहटाएंमैने भी अपने ब्लाग पर एक लेख- कब तक धोखे और अत्याचार का शिकार होंगी महिलाएं- लिखा है। समय हो तो पढ़ें और टिप्पणी दें-
http://www.ashokvichar.blogspot.com
samvedana ka put liye sarthak prayas . badhayi.
जवाब देंहटाएंमार्मिक अभिव्यक्ति...निवेदिता जी
जवाब देंहटाएंमुझे बड़ा अजीब सा लगता है कि सभी ब्लोगरों का झुण्ड एक दूसरे की पीठ थपथपाने में लगा रहता है, एक दूसरे को पानी पर चढ़ाने में लगा रहता है झूटी सच्ची तारीफ करके अपने ब्लॉग का पता दे जाता है ..... मेरी नजर में कॉमेंट्स केवल पाठकों की तरफ से आने चाहिए
जवाब देंहटाएंऔर हर ब्लोगर को अपने पाठकों की क़द्र करना चाहिए ,
.........अगर आपको बुरा लगा हो तो प्लीज मुझे माफ़ कर दें ....एक पाठक
अच्छी भावाभिव्यक्ति |बधाई निवेदिता जी
जवाब देंहटाएं"अब शायद मुक्ति पा जाऊं
जवाब देंहटाएंया मुक्त राह मिल जाए ...."
हार्दिक शुभकामनायें आपको !
आप सभी मित्रों का आभार !
जवाब देंहटाएं@रमेश जी ,बात आपकी सच है और मैं भी सहमत हूं ,परन्त हम ब्लागर ऐसी झूठी तारीफ़ नहीं करते हैं । पाठक पढ तो लेते हैं पर
कमेन्ट करने में हिचक महसूस करते हैं ,शायद इसीलिये कम आते हैं ।
@मीनक्षी जी ,बहुत आभार ब्रूनो के साथ आपने मुझे पढा,सच हौसला कुछ और बढ गया !
आप सब का पुन: धन्यवाद ......
ye dard ki barish hai ya aag ka dariya,
जवाब देंहटाएंshayad ye aansun hi hain jeena ka jariya..
bahut hi bhavpurn abhivyakti...aabhaar.