अरे ओ मंदोदरी ,
कैसी है तू नारी !
प्रिय के उर में भी
तू तो ना बस पायी ,
तू तो ना बस पायी ,
इतिहास में भी
कहाँ स्थान बना पायी,
कहाँ स्थान बना पायी,
मेनका सी रूपसी और
मय दानव की पुत्री,
तेरे काम न रूप आया ,
न काम आयी मय की माया ,
सच बोलूँ तेरा जीवन ,बस
कटा तलवार की तीखी धार पर ,
रावण सा वीर-विद्वान वर ,
सही चुनाव था तेरे मात-पिता का ,
पर मन को कब कौन भाँप पाया ,
विद्वता के आवरण में थी ,
अभिमान की -गुमान की
मदांधता की काली छाया....
पर सच पूछो तो ,तू
इतनी भी नहीं असहाय
ये तेरी ही छाया थी
पर सच पूछो तो ,तू
इतनी भी नहीं असहाय
ये तेरी ही छाया थी
जिसने अशोक वन में
सीता को दी सुरक्षित छाँव ,
अभिमानी रावण को भी बाँध दिया
पटरानी की गहन गरिमा से ,
मर्यादा पुरुषोत्तम की पत्नी बन भी
सीता ने पाया कई-कई वनवास ,
कहीं पर सीता से है ज्यादा भाग्यवान
सीता को दी सुरक्षित छाँव ,
अभिमानी रावण को भी बाँध दिया
पटरानी की गहन गरिमा से ,
मर्यादा पुरुषोत्तम की पत्नी बन भी
सीता ने पाया कई-कई वनवास ,
कहीं पर सीता से है ज्यादा भाग्यवान
प्रशंसनीय है तू ,जो तन गयी प्राचीर सी ,
रावण का अहं भी न जिसको लांघ पाया !
अमर्यादित को भी मर्यादा में जकड़ा तुमने ,
कहीं पर तू है सीता से ज्यादा भाग्यवान
कई नारियां आयी रावण के जीवन में
पर तेरी - राजमहिषी की -
गरिमा को न कभी लांघ पायीं
सच में मंदोदरी की की हो जिसने भी उपेक्षा ,
पर अंतस तेरा है क्षितिज का सबसे
चमकदार और सशक्त जाज्वल्यमान तारा ..........
अभिनन्दन ! हे मंदोदरी तेरा करते अभिनन्दन !!!
-निवेदिता
'ये तेरी ही छाया थी
जवाब देंहटाएंजिसने अशोकवन में
सीता को दी सुरक्षित छाँव '
.................मंदोदरी का चरित्र चित्रण , बहुत ही भावपूर्ण .....सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलुओं से
very apt character sketch of Mandodari...
जवाब देंहटाएंi guess she and trizata were the only 2 good females in Ravan's clan.
कहीं पर सीता से है ज्यादा भाग्यवान
जवाब देंहटाएंप्रशंसनीय है तू ,जो तन गयी प्राचीर सी ,
रावण का अहं भी न जिसको लांघ पाया !
अमर्यादित को भी मर्यादा में जकड़ा तुमने ,
कहीं पर तू है सीता से ज्यादा भाग्यवान
sukshmta hoti hai tumhare vichaaron mein
अनछूए पहलू को उजागर किया है आपने .....श्रेष्ठ रचना
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूब लिखा है आपने मंदोदरी के बारे में.
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट लेखन.
आभार.
आपके नारी चरित्रों का चित्रण एक नया ही परिप्रेक्ष्य लिये होते हैं।
जवाब देंहटाएंmandodri ke jeevan ki sunder vyakhya
जवाब देंहटाएंकहीं पर तू है सीता से ज्यादा भाग्यवान
जवाब देंहटाएंकई नारियां आयी रावण के जीवन में
पर तेरी - राजमहिषी की -
गरिमा को न कभी लांघ पायीं
सच में मंदोदरी की की हो जिसने भी उपेक्षा ,
पर अंतस तेरा है क्षितिज का सबसे
चमकदार और सशक्त जाज्वल्यमान तारा ..........
अभिनन्दन ! हे मंदोदरी तेरा करते अभिनन्दन !!!
एक नारी के वक्तित्व को नयी पहचान दी है आपने,बहुत सुंदर प्रस्तुति
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
एक अलग दृष्टिकोण से मंदोदरी के चरित्र का चित्रण...... बहुत सुंदर और प्रभावी रचना
जवाब देंहटाएंमंदोदरी के सन्दर्भ में प्रभावी बढ़िया रचना ...
जवाब देंहटाएंkya bat hain
जवाब देंहटाएंatisundar
बिल्कुल सही बात कह दी है आपने, अपने समय की बहुत तेजोमयी नारी थी मंदोदरी :)
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