अश्रु पुकार क्यों खारा करूँ
मैं तो हूँ पलकों की ओस
ऐसे-कैसे अपना परिचय दूँ
यही मनन करूँ बारम्बार
ये लरजते हुए आँसू सिर्फ
स्वाद ही नहीं बेस्वाद करते
अच्छी चमकीली राहों को
धुंधलेपन का अभिशाप
लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
विरासत में दे जाते हैं !
ओस तो सुरभित सुमन में
रिश्तों की नमी को सहेजे
अतिशीतलता से बचा जाती
हर आती-जाती हवा के तेज
ठिठुरते थपेड़ों से सामने
टिके रह जाने की जिजिविषा
सहेज सहलाती बलखाती
वैसे भी कुछ तो बदलाव
हर दिन सौगात में ले आता
बस अश्रुओं को बदल दिया
पलकों की ओस से ........
-निवेदिता
बहुत सुन्दर और भावपूर्ण रचना |
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग में भी आयें |
जवाब देंहटाएंन जाने दुखों की कितनी धुंध से जमकर बनती है पलकों की ओस। अत्यन्त प्रभावी रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब.
जवाब देंहटाएंठिठुरते थपेड़ों से सामने
जवाब देंहटाएंटिके रह जाने की जिजिविषा
सहेज सहलाती बलखाती
वैसे भी कुछ तो बदलाव
हर दिन सौगात में ले आता
बस अश्रुओं को बदल दिया
पलकों की ओस से ........
bahut achhi abhivyakti
गहरे अहसास।
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति।
वाह ....बहुत ही बढि़या लिखा है आपने ।
जवाब देंहटाएंआपकी कविता में संवेदना की असीमित गहराई होती है !
जवाब देंहटाएंआभार !
भावभीनी रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत गहरी संवेदना किये हुए रचना...बधाई
जवाब देंहटाएंनीरज
एक भावपूर्ण कविता के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी कविता।
जवाब देंहटाएंसम्वेदनाओं का भावमय सुंदर चित्र.
जवाब देंहटाएंbahut acha likha aapne..
जवाब देंहटाएंबेहतरीन।
जवाब देंहटाएंसादर
वैसे भी कुछ तो बदलाव
जवाब देंहटाएंहर दिन सौगात में ले आता
बस अश्रुओं को बदल दिया
पलकों की ओस से ........
khoobsoorat...
संवेदनशील रचना अभिवयक्ति.....
जवाब देंहटाएंआंसूंओं की बात की ... बड़े सलीके से...
जवाब देंहटाएंकायल कर लिया इस कविता ने.
गहरे एहसास और भावों से भरी कविता.
जवाब देंहटाएंबस आंसुओं को नहीं बदला ... दर्द के एहसास को सुनहरे सपनों में बदल दिया ...
जवाब देंहटाएंभई बहुत सुन्दर प्रस्तुति वाह!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना,...अच्छी प्रस्तुती,
जवाब देंहटाएंक्रिसमस की बहुत२ शुभकामनाए.....
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gahare ahsas liye sundar abhivykti...
जवाब देंहटाएंवैसे भी कुछ तो बदलाव
जवाब देंहटाएंहर दिन सौगात में ले आता
बस अश्रुओं को बदल दिया
पलकों की ओस से ........
...बहुत खूब! लाज़वाब अहसास और उनकी सुंदर अभिव्यक्ति..
बस अश्रुओं को बदल दिया
जवाब देंहटाएंपलकों की ओस से ........
वाह क्या बात है बहुत ही खूबसूरत बात और जज़्बात लजवाब...