सहज लम्हे थे या फिर वो
लम्हे थे इसलिए सहजता .....
जीवन साँसों के रहने से नहीं
जीवंत एहसासों में बसता है
चाँद-तारों के विस्तार से
इक नन्हीं सी कली गुलाब की
सुरभित दायरा पूरती है
काँटों की चुभन सहलाती
शोखी रंगों की छुपा जाती
हल्की सी गुलाबी फुहार से
ये एहसास ये जज़्बात
लगते गंगासागर से
गंगा निर्मल औ सागर विशाल
जीवन में भरते अनोखा विस्तार
हीरे मोती जो तुमने वारे हैं
जीवन में बहुत सारे हैं
सुंगध लहराती ये कली
लगती सबसे प्यारी है
जानते हो क्यों .....क्योंकि
दिखती इसमें छवि तुम्हारी है ...........
-निवेदिता
विस्तार लेते जज़्बात ... खूबसूरत प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूबसूरत कविता।
जवाब देंहटाएंसादर
खूबसूरत जज़्बात ...सुन्दर कविता।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर जज़्बात उकेरे हैं।
जवाब देंहटाएंहीरे मोती जो तुमने वारे हैं
जवाब देंहटाएंजीवन में बहुत सारे हैं
सुंगध लहराती ये कली
लगती सबसे प्यारी है
जानते हो क्यों .....क्योंकि
दिखती इसमें छवि तुम्हारी है ...........
अतिसुन्दर मनोहर प्रस्तुति .बधाई .
मन के भावों का सुंदर चित्रण।
जवाब देंहटाएंभावों को सुन्दर शब्द देती ,हृदयस्पर्शी रचना |
जवाब देंहटाएंअच्छी लगी कविता।
जवाब देंहटाएंये एहसास ये जज्बात
जवाब देंहटाएंलगते गंगासागर से
गंगा निर्मल औ सागर विशाल
जीवन में भरते अनोखा विस्तार
हीरे मोती जो तुमने वारे हैं
सुन्दर रचना
बहुत ही खुबसूरत रचना ...
जवाब देंहटाएंजज्बात भरा अहसास ..
bahut khoob
जवाब देंहटाएंजीवन साँसों के रहने से नहीं
जवाब देंहटाएंजीवंत एहसासों में बसता है
इस एहसास की खोज में रहने से ही जीवन की सार्तकता है।
बहुत ही खूबसूरत कविता।
जवाब देंहटाएं.क्योंकि
जवाब देंहटाएंदिखती इसमें छवि तुम्हारी है .
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति , बधाई
prasfutit khyaal aur tum
जवाब देंहटाएंजीवंत एहसासो में जीवन, कली, गुलाब, गंगासागर, हीरे-मोती के संग सुरभि में तुम. इन बिम्ब कडि़यों को पिरोने के लिए धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंएहसास ही तो सुख दुख का निपटारा करते रहते हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर अभिव्यक्ति , बधाई
जवाब देंहटाएंजीवन में भरते अनोखा विस्तार
जवाब देंहटाएंहीरे मोती जो तुमने वारे हैं
जीवन में बहुत सारे हैं
सुंगध लहराती ये कली
लगती सबसे प्यारी है
जानते हो क्यों .....क्योंकि
दिखती इसमें छवि तुम्हारी है ...........
बहुत ही खूबसूरत कविता निवेदिता जी बधाई और खूबसूरत शुभकामनाएं
कल 18/10/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
कोमल भावो से रची रचना.....
जवाब देंहटाएंsundar ehsaas...
जवाब देंहटाएंभावमय करते शब्दों का संगम ।
जवाब देंहटाएंप्रभावी अभिव्यक्ति ....
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आपको !
BEJOD RACHNA
जवाब देंहटाएंbahut sundar abhiwyakti .........behtreen rachna
जवाब देंहटाएंजजवातों का सुन्दर चित्रण |
जवाब देंहटाएंबधाई |
आशा
गुलाब की कलि और उनकी छवि ... पर ये कांटे कौन और क्यों हैं साथ में ...
जवाब देंहटाएंखूबसूरत चित्र जैसी ही कविता!
जवाब देंहटाएं