डगमगाते कदमों ने जब-जब देखा
पाँव के नीचे धरती का आसरा और
सिर पर तना निर्मल आसमान देखा
निखरते रिश्तों की पहचान ने
चारों दिशाओं का अभिमान दिया
इस पहचान और अभिमान ने
शेष चारों दिशाओं का भी ज्ञान दिया
इन दसों दिशाओं की प्यारी सुरक्षा ने
अपनी आत्मा सा अपना साथ दिया
आत्म की पहचान में उड़ने की आस जगी
मुक्त गगन में परवाज़ भरने को दो प्यारे
सुगठित पंखों का मुक्तमना साथ दिया
इस दौर में टिमटिमाते तारों ने
सप्तऋषियों सा तारक मंडल रच डाला
धरती छूटी , आसमान भी छूटा
एक दिशा ने भी मंझधार छोड़ा ......
बदलते मौसम सी सपनीली यादों ने
नयनों में तिनके सी नमी का एहसास किया
फिर डगमगा जाते कदमों को
सप्तऋषियों ने बांह बढ़ा थाम लिया
मुक्त मना हो अंत:स्थल गगन विशाल हुआ !!!
-निवेदिता
कल भाई का जन्मदिन था ,उनकी फ़रमाइश पर ये लिखा | इसमें माँ-पापा धरती और आसमान हैं | चारों दिशाएँ मेरे चारों भाई हैं ,बाद में मिलने वाली दिशाएँ मेरी भाभियां हैं और सप्तऋषि हमारी दूसरी पीढ़ी | दो पंख मेरे बेटे हैं और आत्मा .पतिदेव के अतिरिक्त और कौन हो सकता है ......:)
मुक्त मना हो अंत:स्थल गगन विशाल हुआ !!!वाह इसके बाद और क्या चाहिये।
जवाब देंहटाएंप्राकृति की गोद में मुक्त हो जाना ही तो जीवन है .... सुन्दर रचना है ...
जवाब देंहटाएंलगता इनके संरक्षण में,
जवाब देंहटाएंहम जीवन में नित्य बढ़े हैं।
मुक्त मना हो अंत:स्थल गगन विशाल हुआ !!!
जवाब देंहटाएं....बहुत खूब !
BAHUT HI SUNDAR RACHNA... ISKE TATPARYA SARVDESIK, SARVBHAUMIK HAIN...
जवाब देंहटाएंDHANYAD.
फिर डगमगा जाते कदमों को
जवाब देंहटाएंसप्तऋषियों ने बांह बढ़ा थाम लिया //
waah
यथार्थ को बयां करती एक खूबसूरत रचना.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भाव संप्रेषण!
जवाब देंहटाएंएक खूबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंअपने परिवार के लिए इससे बेहतर प्रेम की अभिव्यक्ति क्या हो सकती है?
जवाब देंहटाएंआपको इस सुन्दर कृति और और आपके भाई को जन्मदिन की शुभकामनाएं..
आभार
तेरे-मेरे बीच पर आपके विचारों का इंतज़ार है...
ये वट वृक्ष ऐसे ही फलता फूलता रहे .
जवाब देंहटाएंबहुत नाज़ुक सी खूबसूरत कविता |बहुत सुन्दर |आपके भाई को जन्मदिन की शुभकामनाएं |
जवाब देंहटाएंवाह क्या बात है.
जवाब देंहटाएंइस दौर में टिमटिमाते तारों ने
जवाब देंहटाएंसप्तऋषियों सा तारक मंडल रच डाला ..sundar...
बहुत नाज़ुक सी खूबसूरत कविता |बहुत सुन्दर....
जवाब देंहटाएंलाजवाब....
जवाब देंहटाएंsundar rachna...
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