नन्हीं पलकें अलसाई
स्वप्निल सी मुस्काई
ओस सी मासूम अँखियाँ
खिलते और खुलते ही
अपनों के अरमानों की
अपेक्षाओं के तले कुछ
सहमी सी कसमसाई
सबने अपनी चाह जताई
अधूरे अरमान जगाये....
अधूरी आशाओं अपेक्षाओं का
चंदोवा तान ,असीमित सीमाएं
समेट ,सिमटे आसमान का
कोना दिखलाया .......
मनमोहक सुमन की सुरभि को
इत्र बना छोटी -छोटी शीशियों की
कैद में सजा सामान(?) बनाया
क्यों न इन नन्ही पलकों की
पावन अँगड़ाई सुरभित सुमन सा
लहराने इतराने दें ..................
नन्हीं साँसों के अलबेले सपनों को
सावन के झूलों सी इक नयी
ऊँचाई छू आने दें .....
उनके मासूम से सपनों को
एक नया बसेरा बनाने दें .....
-निवेदिता
बहुत ही बढि़या भावमय करते शब्दों का संगम ।
जवाब देंहटाएंकोमल अभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंउनके मासूम से सपनों को
जवाब देंहटाएंएक नया बसेरा बनाने दें .....
कोमल अहसासों से सजी बहुत भावमयी अभिव्यक्ति.
बहुत कोमल से एहसास ..सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसपनो की दुनिया अजब हे और यदि वह शिशु की हो तो अन्नंत है.!अति सुन्दर
जवाब देंहटाएंकोमल भावो का खूबसूरत सा अहसास....
जवाब देंहटाएंखूबसूरत
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति|
जवाब देंहटाएंसुदर अभिव्यक्ति ....बचपन ऐसा ही होना चाहिए
जवाब देंहटाएंमाँ बाप की आकंक्षयों ने
आज के बच्चों का बचपन छीन लिया ....क्या वो कभी खुद को दोषी मानेगे ????
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anu
oho ye to bade nanhe nanhe khyaal hain ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति... सुन्दर विचार...सुन्दर कविता.
जवाब देंहटाएंबहुत ही खुबसूरत और कोमल ख्याल है....
जवाब देंहटाएंबन्द नयन में स्वप्न भरे हैं,
जवाब देंहटाएंआनन्दों से फूल झरे हैं।
सुकोमल मन से लिखी सुन्दर कविता
जवाब देंहटाएंबहुत ही खुबसूरत और कोमल,अभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar kavita, man chho lene vali..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति|
जवाब देंहटाएंबहुत ही कोमल भावनाओं में रची-बसी खूबसूरत रचना....
जवाब देंहटाएंनन्हीं सांसों को सपनों के झूले का प्रयोग कविता के सौंदर्य में चार चांद लगा रहा है।
जवाब देंहटाएंसुंदर कविता और कोमल भाव- बधाई स्वीकारें।
जवाब देंहटाएंसुंदर
जवाब देंहटाएंअति सुंदर..
जवाब देंहटाएंgood expression.
जवाब देंहटाएंअति सुंदर..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर...प्यारी सी रचना..
जवाब देंहटाएंसस्नेह
अनु