मेरे दिल का दर्द
तुम्हारी आँखों में
भीगा - भीगा सा
अश्रु बन पले
पर ,सुनो न !
उन अश्रुओं को
बहाने वाली पलकें
बस मेरी ही हों .....
शब्द जो दे जाएँ
अश्रु अपनी ही
पलकों की कोरों में
न कहो खारा उन
संगदिल शब्दों को
यही तो न जाने कितनी
भूली - बिसरी गलियों से
बटोर लाते हैं नमक
ज़िन्दगी में ....
ये चंद बूँदें
कभी आँखें तो
कभी कपोलों को
तर कर
अपनी राह चल
यूँ ही
ओस बन उड़ जातीं
बस मन को भिगो
अंतर्मन भर
बोझिल कर जाती हैं .....
-निवेदिता
इन आंसुओं की बात ही निराली है.... !
जवाब देंहटाएंपीड़ा मन की, बह जाती है
जवाब देंहटाएंबन कर पानी पानी।
भूली - बिसरी गलियों से
जवाब देंहटाएंबटोर लाते हैं नमक
ज़िन्दगी में ....
बहुत खूब ...
ओस बन उड़ जातीं
जवाब देंहटाएंबस मन को भिगो
अंतर्मन भर
बोझिल कर जाती हैं .....
गहन और हृदय स्पर्शी भाव ....
बेहतरीन रचना, आभार
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा,लाजबाब अभिव्यक्ति ....
जवाब देंहटाएंrecent post: रूप संवारा नहीं,,,
हृदयस्पर्शी भाव लिए रचना...
जवाब देंहटाएं:-)
बेहतरीन
जवाब देंहटाएंसादर
क्यों छलक रहा दुःख मेरा उषा की मृदु पलकों से
जवाब देंहटाएंहाँ उलझ रहा सुख मेरा निशा की घन अलकों में
रचना से संप्रेषित भाव , मन के द्वन्द को उकेरते है .
खूबसूरत रचना..
जवाब देंहटाएंमन को भिगोती....
जवाब देंहटाएंखारा करती रचना...
सस्नेह
अनु
वाह बहुत खूब
जवाब देंहटाएंमेरे दिल का दर्द
जवाब देंहटाएंतुम्हारी आँखों में
भीगा - भीगा सा
अश्रु बन पले
पर ,सुनो न !
उन अश्रुओं को
बहाने वाली पलकें
बस मेरी ही हों .....
बहुत खूब...
जवाब देंहटाएंमेरे दिल का दर्द
तुम्हारी आँखों में
भीगा - भीगा सा
अश्रु बन पले
पर ,सुनो न !
उन अश्रुओं को
बहाने वाली पलकें
बस मेरी ही हों .....
बहुत ही अच्छी कविता |
बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना है । आपको बधाई।
जवाब देंहटाएंमेरे दिल का दर्द
जवाब देंहटाएंतुम्हारी आँखों में
भीगा - भीगा सा
अश्रु बन पले
पर ,सुनो न !
उन अश्रुओं को
बहाने वाली पलकें
बस मेरी ही हों .....
kya khoob dedication hai....
http://www.parikalpnaa.com/2012/12/blog-post_5186.html
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