अक्सर दर्द और मैं
दोनों ही देखते हैं
यूँ ही एक दूसरे को
अक्सर ही हम हँस पड़ते हैं
साथ न तुम छोड़ते न ही मैं
सच बड़ा अजीब सा है ये नाता
दर्द भरी हँसी का
या हँसते हुए दर्द का
तुम को बसेरा दिया दिल में
मैं तो बस हँसी बिखेरती
छुपाये रखती हूँ इस जहाँ से
और जानते हो सब कहते है
आपकी हँसी सच बहुत हसीन है .... निवेदिता
दोनों ही देखते हैं
यूँ ही एक दूसरे को
अक्सर ही हम हँस पड़ते हैं
साथ न तुम छोड़ते न ही मैं
सच बड़ा अजीब सा है ये नाता
दर्द भरी हँसी का
या हँसते हुए दर्द का
तुम को बसेरा दिया दिल में
मैं तो बस हँसी बिखेरती
छुपाये रखती हूँ इस जहाँ से
और जानते हो सब कहते है
आपकी हँसी सच बहुत हसीन है .... निवेदिता
अक्सर दर्द और मैं
जवाब देंहटाएंदोनों ही देखते हैं
यूँ ही एक दूसरे को देखकर
अक्सर ही हम हँस पड़ते हैं...
हँस देना जरूरी है दर्द सहने के लिए !
बहुत खूब
जवाब देंहटाएंसाथ न तुम छोड़ते न ही मैं
जवाब देंहटाएंसच बड़ा अजीब सा है ये नाता
दर्द भरी हँसी का
या हँसते हुए दर्द का
सुन्दर अभिव्यक्ति।
दर्द तो जिंदगी अपने आप देती ही रहती है, तो बेहतर है हँसते हुए हर दर्द को धता बता दिया जाए...।
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