सोमवार, 1 फ़रवरी 2016

उदासी की क्लियरेंस सेल ......



रोज ही देखती हूँ
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बाजारों में
लगी हुई सेल का 
कभी कपड़ों की
तो कभी बर्तन की ,
कभी मकान की
तो कभी दूकान की भी ,
कभी तंत्र - मंत्र की
तो कभी सौष्ठव बढ़ाने की ,
रोज ही तलाशती हूँ
काश  ....
कहीं दिख जाए
एक ऐसी भी सेल
जो बन  सके
अंतमन में बसेरा बनाये बैठी
उदासी की  क्लियरेंस सेल  ...... निवेदिता 

10 टिप्‍पणियां:

  1. ये शब्दों से क्या न करवा दो ..........
    उड़ा दो उदासियाँ !!

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  2. बहुत सुंदर लिखा है,निवेदिता

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  3. इतनी भी उदासी जमा न किया करो ,
    अब निकाल फेंको फट से मेरे साथ .
    न इंतज़ार करो कि लगेगी कोई सेल
    जिसने भी लगाई है ,सबकी हुई है फेल....

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  4. इतनी भी उदासी जमा न किया करो ,
    अब निकाल फेंको फट से मेरे साथ .
    न इंतज़ार करो कि लगेगी कोई सेल
    जिसने भी लगाई है ,सबकी हुई है फेल....

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  5. ये उदासी उपज है अंतर्मन की तो उसीके द्वारा क्लियरेंस सेल भी लग जाएगी और चुटकी बजाते ही स्टॉक क्लियर भी .... सुन्दर रचना ... शुभकामनाएं

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  6. वह तो घर में ही होगी, अपनों के बीच।

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