शब्दों के दांत नहीं होते है
लेकिन शब्द जब काटते है
तो दर्द बहुत होता है
और कभी कभी
न दिख पाने वाले घाव
इतने गहरे हो जाते है कि
जीवन समाप्त हो जाता है
बस ये टीस जगाते
घाव कभी नहीं भरते............ निवेदिता
लेकिन शब्द जब काटते है
तो दर्द बहुत होता है
और कभी कभी
न दिख पाने वाले घाव
इतने गहरे हो जाते है कि
जीवन समाप्त हो जाता है
बस ये टीस जगाते
घाव कभी नहीं भरते............ निवेदिता
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