मेरे आँखों की
तैरती नमी में
चमक सी गयी
तुम्हारी छवि कमलकलिका का
प्रस्फुटन यही तो है !
ओस की बूँदें
कमलदल पर
मेरी रगों में
सूर्य किरण सी
खिलती चपला
अवगुंठन हटा
यादों की बदली की !
स्मित मेरे लबों की
आती - जाती रहती है
पर हाँ ! नयन मेरे
सदैव मुस्कराते हैं
अरे ! इनमें ही तो
सपनों सा तुम
बरबस सजे रहते हो !
- निवेदिता
स्मित मेरे लबों की
जवाब देंहटाएंआती - जाती रहती है
पर हाँ ! नयन मेरे
सदैव मुस्कराते हैं
अरे ! इनमें ही तो
सपनों सा तुम
बरबस सजे रहते हो !
भावमय करते शब्दों का संगम
भावपूर्ण ...बहुत सुंदर भाव व शब्द भी ....!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भाव.
जवाब देंहटाएंसुन्दर पंक्तियों का भाव।
जवाब देंहटाएंWah
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