एक अजीब सी विचलित और व्यथित मन:स्थिति में , अभी कुछ दिनों पूर्व हमलोग गुजरात यात्रा पर गये थे । अवसर या कह लें कि बहाना एक विवाह का था । बिटिया "मुग्धा" की डोली जाने के साथ ही मन और भी अधिक विचलित होने लगा था । उस समय ही एक दूसरे बच्चे "प्रतीक" ने हम लोगों के लिए अहमदाबाद से सोमनाथ होती हुए वडोदरा तक का एक लुभावना यात्रा वृत्त बना दिया और एक तवेरा भी मुहैय्या कर दी । पर मन बावरा पूरे रास्ते अशांत ही रहा । रास्ते भर ड्राइवर हम लोगों को सोमनाथ धाम की महिमा बतलाता रहा और मैं उद्विग्न सी अनसुना ही करती रही ,पर जैसे ही हम सोमनाथ पँहुचे मन एकसार होने लगा ।
सोमनाथ मन्दिर परिसर में पहुँचते ही मन जैसे एक स्थिरता पाने लगा । मन्दिर का सम्पूर्ण परिसर इतना व्यवस्थित और शांत था कि अनजाने ही मन " ॐ नम:शिवाय " की जपमाला बन गया ! दो - दो पंक्तियाँ स्त्रियों और पुरुषों के पृथक दर्शन के लिए थीं , जिसमें साथ लाये हुए पुष्प - पत्र को अर्पित करने और मत्था टेकने के लिए पर्याप्त समय देने के बाद अगले ही पल आगे बढ़ा दिया जाता था । इन पंक्तियों के बगल में ही दोनों तरफ पर्याप्त स्थान था जिसमें खड़े हो कर अथवा बैठ कर ,मनचाहा समय बिताने का । हमलोग सुबह लगभग ६ बजे प्रात:आरती के लिए पहुँच गये थे और दो घंटे तक पूरा स्नान , श्रुंगार , आरती दर्शन का आनन्द लिया । डमरू की आवाज से आरती का प्रारम्भ होते ही बड़ा रोमांचक अनुभव हो रहा था और व्यथित मन जैसे स्वयमेव ही असीम स्थिरता और शान्ति के प्रभाव चक्र में समा गया ……………….
ये सोच कर फिर से जी जाऊँ ,
मन मेरा तेरा शिवालय है
मेरी हर आती जाती साँस ,
बस तेरे नाम की माला है
मेरी नस नस में बहती ,
तेरी गंगा की पावन धारा है
व्यथित मन को मिली ,
तेरे चाँद सी शुभ्र शीतलता है
मेरे मन की पीड़ा को ,
तेरे भस्म फुहार ने उड़ाया है
तेरे डमरू के धमकने से ,
बढ़ चलती मेरी पगधारा है
मेरे मन की बाती में ,
"ॐ नम: शिवाय" की ज्वाला है !
-निवेदिता
jai bhole naath... :)
जवाब देंहटाएं"ॐ नम: शिवाय"
जय भोलेनाथ..
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर विवरण निवेदिता जी, लगता है अब जाना पड़ेगा दर्शन करने।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद !
जय जय भोले बाबा की
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (11-08-2013) के चर्चा मंच 1334 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
जवाब देंहटाएंआभार आपका :)
हटाएंजय बम भोले
जवाब देंहटाएं:) :)
जवाब देंहटाएंबोल बम
जवाब देंहटाएंसोमनाथ का मंदिर ... शिव भोले की याद ...
जवाब देंहटाएंजीवन सफल हो जाता है ...
मन व्यथित हो, तो अपने ईष्ट के पास ही शांति मिलती है..
जवाब देंहटाएंसोमनाथ के दर्शन आपके बहाने हो गये । आभार ।
जवाब देंहटाएंॐ नमः शिवाय के जाप मात्र से मन को बहोत शान्ति मिलती है...लगता है प्रभु ने मुस्कुराकर हमें अपना लिया ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर !
जवाब देंहटाएंजय भोलेनाथ … बढ़िया अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंॐ नमः शिवाय :)
जवाब देंहटाएंॐ नमः शिवाय
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