मंगलवार, 14 दिसंबर 2010

डिलीट बटन

डिलीट बटन कहीं होता ,
सबका जीवन
कितना स्वर्णिम होता ,
कितनी बातें कितनी यादें
डिलीट  हम करते ,
कुछ को हम ,
तो कुछ हमें
डिलीट करते .
कहीं से खुद को डिलीट कर
हम खुश हो लेते ,
कहीं से खुद को डिलीट कर
हम खुशी दे लेते ,
कहीं दूर से देख
खुश हो लेते
अपने बिना
अपनों का खुश जीवन ,
जिनके तब हम
अपने नहीं होते ,
हम हों ना हों
पर वो तो
मेरे अपने ही होते ,
पर शायद
तब उनका जीवन
कहीं अधिक
सहज , सुखी , संजीवन
या कहूं सफ़ल होता
पर ये डिलीट बटन ........कहीं मिल पाता ......

14 टिप्‍पणियां:

  1. काश होता ऐसा ...बहुत अच्छी प्रस्तुति ..



    कृपया वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...

    वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
    डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो करें ..सेव करें ..बस हो गया .

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  2. सच कहा आपने अगर ये डिलीट बटन होता तो शायद हम ओने और सबके दुखों को डिलीट कर देते.
    बहुत अच्छा लिखा आपने.

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  3. दुखद पहलुओं को डिलीट करने की चाह रखे आदमी खुद एक दिन दुनिया से डिलीट हो जाता है,पर राह नहीं पाता है उम्रभर पल रहे इस हसरत को पूरी करने के...

    सबके दिल की बात लिख दी आपने...

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  4. आदरणीया संगीता स्वरूप जी,प्रिय सत्यम, यशवंत जी और प्रिय रंजना जी बहुत बहुत आभार।

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  5. सुंदर भावाभिव्यक्ति...कविता बहुत सुन्दर और भावपूर्ण है। बधाई।

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  6. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  7. कविता बहुत सुन्दर और भावपूर्ण है। बधाई।

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  8. संजय जी उत्साहवर्धन के लिये धन्वयाद।

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  9. सोचा हुआ सब सही हो जाये तो जीवन ही क्या है ? डिलीट बटन होता तो सारे दुखों को डिलीट मार लेते :)

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  10. वाह... सुन्दर कल्पना...
    अच्छी प्रस्तुति...
    सादर...

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  11. सुंदर विषय पर अच्छी कल्पनाओं की बढ़िया प्रस्तुती..उम्दा पोस्ट
    मेरे नए पोस्ट में स्वागत है

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