हाँ ! बताओ क्या करना है ।आज कोई मीटिंग नहीं ,ऑफिस भी नहीं ... क्या हेल्प करूँ ... लंच तो तुम बना ही चुकी हो ... चाय बनाऊँ इलायची डाल कर ... 🤔😀 ( बन्दा पूरे जोश ओ खरोश में )
हेल्प ... छोड़ो तुम रेस्ट करो ... चाय के साथ क्या लोगे ... ( घर मे दिख जाने का एहसान मानती बन्दी )
नहीं ... आज तो तुम रेस्ट करो ,मैं बनाता हूँ न ... ( बन्दा एकदम टॉप ऑफ वर्ल्ड टाइप महसूस करते )
ऐसा क्या .... अच्छा ऐसा करो चाय के साथ पनीर के पकौड़े बना लेना और डिनर में एक ही सब्जी कोफ्ते बना लो साथ मे जीरा राइस ... और हाँ रोटी नहीं पूरियाँ बनाना ... डेज़र्ट चलो बाजार से रबड़ी ले आना और हाँ कॉर्नेटो भी लेते आना ... चलो तबतक मैं थोड़ा सो लेती हूँ 😅
#निवी
सुन्दर लघुकथा।
जवाब देंहटाएंफिर बना क्या ? बढ़िया लघुकथा .
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार(२९-०३-२०२१) को 'एक दिन छुट्टी वाला'(चर्चा अंक-४०२०) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
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अनीता सैनी
वाह बहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंमुग्ध करती लघुकथा - - होली की शुभकामनाओं सह।
जवाब देंहटाएंउम्दा लघु कथा
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर लघु कथा
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