शुक्रवार, 20 नवंबर 2015

खामोश से शब्द .....

तुम अक्सर गुनगुनाते हो
मेरे मन में
खामोश से शब्द बोलते हैं ,
सुनना चाहोगी
मैंने भी इक नामालूम सी
खामोशी से कहा
हाँ ! मैं सुन रही हूँ
तभी तो खामोशियाँ
गुनगुनाती गाती हैं
अब बस इतना ही
सुनिश्चित कर लेना
खामोश से शब्द
तभी बोलना
जब मैं रहूँ वहीँ कहीं
ख़ामोशी को संजो लेने
अपने उर में  ....  निवेदिता


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