मेरी हँसी के
अवगुंठन में
छुपी मेरी सिसकी
कैसे देख लेते हो
मेरे तीखे बोलों में
छिपा मेरे मन के
दुरूह कोनों में बसा
तुम्हारे लिये मेरा प्यार
समझने के लिये
अब समझ भी लो
कहने के लिये
क्या ये कहना होगा
तुम बस जाओ
मेरे ख्वाबों में
मेरे दिल की
धड़कन की तरह .... निवेदिता
Bahut Sunder
जवाब देंहटाएंप्रीत के इक पल को
जवाब देंहटाएंआँखों में पिरो लो,
मुक्ता सी बनके ह्रदय में ,
जा बसें ,
छलके न कोरों से कभी ,
जो कही जाए वो प्रीत नहीं ....जो निभाई जाये ,वही प्रीत है ..बहुत सुंदर !!
क्या बात है...!!!
जवाब देंहटाएंउनका दिल धड़क गया होगा... :)
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
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