"आंखों" के झरोखों से बाहर की दुनिया और "मन" के झरोखे से अपने अंदर की दुनिया देखती हूँ। बस और कुछ नहीं ।
क्या कहूँ .... मर्मस्पर्शी
सुन्दर भाव !!
मर्म को छूती हई पंक्तियाँ ...
भावमय करते शब्द ....
नो नमी फॉर टुडे!! कीप स्माइलिंग माई सिस!!
वाह!
क्या कहूँ ....
जवाब देंहटाएंमर्मस्पर्शी
सुन्दर भाव !!
जवाब देंहटाएंमर्म को छूती हई पंक्तियाँ ...
जवाब देंहटाएंभावमय करते शब्द ....
जवाब देंहटाएंनो नमी फॉर टुडे!! कीप स्माइलिंग माई सिस!!
जवाब देंहटाएंवाह!
जवाब देंहटाएंमर्म को छूती हई पंक्तियाँ ...
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