गुरुवार, 10 अप्रैल 2025

नमक जिंदगी का

 कभी कभी 

ये हँसी 

उमगती है 

किलकती है 

बस एक 

झीनी सी 

ओट दे जाने को 

और आँसुओं को 

ख़ुशी के जतलाने को 

और हाँ 

ये आँसू भी तो 

बेसबब नही 

इनसे ही तो 

बढ़ जाता

नमक जिंदगी में!

✍️निवेदिता श्रीवास्तव 'निवी'

     लखनऊ 

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