जब सब ठीक होगा ...
और हम फुरसत में होंगेहम मिल बैठेंगे, गप्पें मारेंगे!
अलसाती सी दुपहरी में
नंबर तुम्हारे खोज खोज
कॉल भी तुमको करेंगे
करेंगे कुछ चुगलियाँ
करेंगे बचकानी बातें
लगाएंगे बिन्दास ठहाके
और कहेंगे
जब सब ठीक होगा
और हम फुरसत में होंगे
हम मिल बैठेंगे, गप्पें मारेंगे।
कभी सिहराती ठंड में
पिकनिक का प्रोग्राम बना
पानी पूरी और टिक्की के
चटखारे लगाएंगे
या फ़ोटो खिंचवाने चले जायेंगे
जनेश्वर या लोहिया पार्क में।
पर सुनो न! जरा बताना
ये फुरसत वाले पल कब आएंगे
एक एक कर दिन बीत चले हैं
स्कूल बैग के दिन चले गए
जिम्मेदारियों के वजन से
फ्रॉजेन शोल्डर संग
स्लिप डिस्क ने दस्तक दी
कोयल केशों पर
श्वेतवर्णि कपोत की गुटूरगूँ की
चाँदनी मुस्कुराने लगी है हम सोचते रह गए
जब सब ठीक होगा
और हम फुरसत में होंगे
हम मिल बैठेंगे, गप्पें मारेंगे।
अब छोड़ो सारे इंतजार
जब सब ठीक होगा तब होगा
हम फुरसत में हों या नहीं
आओ मिल बैठें, गप्पें मारें
क्योंकि अब तो किसी के पास
इतना भी समय नहीं कि लिखें
ॐ शान्ति या रेस्ट इन पीस
R I P से काम चलाते हैं!
निवेदिता श्रीवास्तव 'निवी'
लखनऊ
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