शनिवार, 14 मार्च 2020

गीत : सवेरे - सवेरे .…

सफ़र लम्बा सही चल पड़ो सवेरे - सवेरे
मिल ही जाएगा मुक़ाम सवेरे - सवेरे

मन व्यथित हुआ तन शमित भी हुआ
किसी ने नश्तर चुभोये सवेरे - सवेरे

पाँव के आबलों ने रोक रखी जो राह
क़दम भी लड़खड़ा गये सवेरे - सवेरे

प्रसून यूँ प्रमुदित हुए पात भी झर चले
दरख़्त ये भी ढ़ह जायेगा सवेरे - सवेरे

हँस के मिला करो मिल के हँसाया करो
उड़ जायेगा पंछी इक रोज सवेरे - सवेरे

डगर मुश्किल सही सफ़र तन्हा सही
निवी मुक़ाम पर है खड़ी सवेरे - सवेरे
            ... निवेदिता श्रीवास्तव 'निवी'

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